Thursday 22 September 2016

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bichad ke tujhse zindagi saja si lagti hai

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बिछड़ के तुमसे जिदंगी सजा सी लगती है.
यह सांस भी मुझ से खफा सी लगती है.
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे.
जख्मो का जब तेरे शहर की हवा सी लगती है.



Khyalon mein wahi, sapno mein wahi,
Lekin unki yaadon mein hum the hi nahi,
Hum jaagte rahe duniya soti rahi,
Ek baarish hi thi, jo humare sath roti rahi.


मोहब्बत मुकदर है एक ख्वाब नही,
ये वोह अदा है कि सब जिसमे कामयाब नही.
जिन्हें पनाह मिली उंगलियो पर गिनलो उन्हें,
मगर जिनके कतल हुए उनका कोई हिसाब नहीं


तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है !!



 दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया !!
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया !!
हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा !!
हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया !!





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