Sunday 30 July 2017

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लोग नज़रों को _भी पढ़ लेते हैं

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लोग नज़रों को _भी पढ़ लेते हैं...
अपनी आँखो को__जुकाए रखना……
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मेरी नज़र कब से इंतजार में रही है तेरी,
हर गुजरते चेहरे का तवाफ किया है मेने,
बिछड़ने वाले लोट के आते है एक दिन,
ये सोच के हर पल इंतजार किया है मेने..
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हर लफ़्ज़ में शामिल है
इबादत मेरी..
बस चंद ग़लतफ़हमियों से बिखर गयीं..
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गुलाब सारे मद ___हम दिखाई देते हैं………
नज़र जब ___भी तेरे चेहरे की तरफ करते है ………..
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तुम्हारी शायरी  में हमने देखा अजब सी चाहत झलक रही है.
हमारी शायरी को भी छू के देखो तुमारी खुशबु महक रही है.
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