Sunday 30 July 2017

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Aagar khwabo ki

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अगर ख्वाबों कि अहमियत पूछनी है तो उनसे से पूछो,
जिन्हे हकीकत मै मोहब्बत,नसीब नही♈🅱✍🏼

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नज़र बन के कुछ इस क़दर
मुझको लग जाओ..!!

कोई पीर की फूँक
न पूजा न मन्तर काम आये....

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🌹..लोग कहते है बड़ी दिलकश है मेरी आँखे

           उन्हे क्या पता मेरा महबूब बसता है इनमें...🌹

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उल्फ़ते , उलझनें, रंजिशें और थकावट,

यूँ एक दिन और बीत गया अपनी ज़िन्दगी का।

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न पूछ इश्क में अब तक किया है क्या,
वह रूठते रहे हैं मनाते रहे हैं हम..

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