जे एन यू के देशविरोधी नारों से खतरा है जी
जितना नही शत्रुओं से गद्दारों से खतरा है जी
जेहादी तो जेहादी विष घोलेंगे उनको रोको
आई एस आई एस वाली भाषा बोलेंगे उनको रोको
हमको ये उम्मीद न थी बाबासाहब की पीढ़ी से
हमने तुमको दिया सहारा आरक्षण की सीढ़ी से
भीमराव तो सौ करोड़ के देश के दिल में जिन्दा है
मीम संग में भीम लिखा ये देख देख शर्मिंदा है
हमको तो सोहेल्देव के बेटों पर है गर्व रहा
जिस दिन गाजी को मारा वो देश की खातिर पर्व रहा
वाकिफ नही अभी तुम इन खूनी नापाक इरादों से
कैसे हाथ मिला बैठे तुम गाज़ी की औलादों से।।
घर घर से अफजल निकलेंगे ये फरमान सुना हमने
अफजल का बदला ले लेंगे ये ऐलान सुना हमने
घर घर से अफजल निकलें ये नौबत न आने देंगे
देश के अंदर देशविरोधी राग नही गाने देंगे
सुन लो विजय धर्म की होगी और अधर्मी हारेंगे
घर घर में बैठे अफजल को घर में घुस कर मारेंगे।
हनुमन्थप्पा बर्फ ओढ़ कर सोये हैं जग जायेंगे
कंधो पर इन गद्दारों का बोझ उठा न पाएंगे
दिल्ली को सावरकर जी की भाषा में कहना होगा
हिंदुस्तान में हिन्दुस्तानी बनकर ही रहना होगा
इनके आगे छप्पन इंची सीना लेकर तन जाओ
मोदी जी फिर 2002 वाले मोदी बन जाओ।।
-कवि विख्यात मिश्रा
जितना नही शत्रुओं से गद्दारों से खतरा है जी
जेहादी तो जेहादी विष घोलेंगे उनको रोको
आई एस आई एस वाली भाषा बोलेंगे उनको रोको
हमको ये उम्मीद न थी बाबासाहब की पीढ़ी से
हमने तुमको दिया सहारा आरक्षण की सीढ़ी से
भीमराव तो सौ करोड़ के देश के दिल में जिन्दा है
मीम संग में भीम लिखा ये देख देख शर्मिंदा है
हमको तो सोहेल्देव के बेटों पर है गर्व रहा
जिस दिन गाजी को मारा वो देश की खातिर पर्व रहा
वाकिफ नही अभी तुम इन खूनी नापाक इरादों से
कैसे हाथ मिला बैठे तुम गाज़ी की औलादों से।।
घर घर से अफजल निकलेंगे ये फरमान सुना हमने
अफजल का बदला ले लेंगे ये ऐलान सुना हमने
घर घर से अफजल निकलें ये नौबत न आने देंगे
देश के अंदर देशविरोधी राग नही गाने देंगे
सुन लो विजय धर्म की होगी और अधर्मी हारेंगे
घर घर में बैठे अफजल को घर में घुस कर मारेंगे।
हनुमन्थप्पा बर्फ ओढ़ कर सोये हैं जग जायेंगे
कंधो पर इन गद्दारों का बोझ उठा न पाएंगे
दिल्ली को सावरकर जी की भाषा में कहना होगा
हिंदुस्तान में हिन्दुस्तानी बनकर ही रहना होगा
इनके आगे छप्पन इंची सीना लेकर तन जाओ
मोदी जी फिर 2002 वाले मोदी बन जाओ।।
-कवि विख्यात मिश्रा