दो सालों का सैर सपाटा मोदी जी,
अमरीका में हल्ला काटा मोदी जी,
संग अफगानिस्तान मिलाया मोदी जी,
पाक चीन को भी दहलाया मोदी जी,
जहाँ गए छा कर के आये मोदी जी,
खाली झोली भर के लाये मोदी जी,
भारत माँ का मान बढ़ाया मोदी जी,
पश्चिम को पूरब दिखलाया मोदी जी,
वंचित का खाता खुलवाया मोदी जी,
और उज्ज्वला दीप जलाया मोदी जी,
रेल तंत्र का रूप निखारा मोदी जी,
घोटालों पर ताला मारा मोदी जी,
लेकिन ये पर्याप्त नही है मोदी जी,
अब तक सब कुछ प्राप्त नही है मोदी जी,
सिविल कोड पर क्यों लटके हो मोदी जी,
काले धन पर क्यों अटके हो मोदी जी,
क्यों गदहों की दूब बने हो मोदी जी,
मुफ़्ती के महबूब बने हो मोदी जी,
दहशत ने अब तक नोचा है मोदी जी,
नक्सलियों का क्या सोचा है मोदी जी,
ये गौरव कवि है दुखियारा मोदी जी,
सब कहते हैं भक्त तुम्हारा मोदी जी,
तीन साल में अलख जगा दो मोदी जी,
नौकरियों के वृक्ष लगा दो मोदी जी,
गेहूं गन्ना धान बचा लो मोदी जी,
मरता हुआ किसान बचा लो मोदी जी,
महंगाई को नीचे लाओ मोदी जी,
चीनी,तेल सुलभ करवाओ मोदी जी,
दो हाथों को काम दिला दो मोदी जी,
अवधपुरी को राम दिला दो मोदी जी,
मथुरा को गोपाल दिला दो मोदी जी,
हमको सस्ती दाल दिला दो मोदी जी
(मोदी जी के तूफानी विदेशी दौरों और दो साल में किये गए कार्यों पर आम भारतियों की अपेक्षाओं को दर्शाती मेरी नई कविता)
-------कवि गौरव चौहान
अमरीका में हल्ला काटा मोदी जी,
संग अफगानिस्तान मिलाया मोदी जी,
पाक चीन को भी दहलाया मोदी जी,
जहाँ गए छा कर के आये मोदी जी,
खाली झोली भर के लाये मोदी जी,
भारत माँ का मान बढ़ाया मोदी जी,
पश्चिम को पूरब दिखलाया मोदी जी,
वंचित का खाता खुलवाया मोदी जी,
और उज्ज्वला दीप जलाया मोदी जी,
रेल तंत्र का रूप निखारा मोदी जी,
घोटालों पर ताला मारा मोदी जी,
लेकिन ये पर्याप्त नही है मोदी जी,
अब तक सब कुछ प्राप्त नही है मोदी जी,
सिविल कोड पर क्यों लटके हो मोदी जी,
काले धन पर क्यों अटके हो मोदी जी,
क्यों गदहों की दूब बने हो मोदी जी,
मुफ़्ती के महबूब बने हो मोदी जी,
दहशत ने अब तक नोचा है मोदी जी,
नक्सलियों का क्या सोचा है मोदी जी,
ये गौरव कवि है दुखियारा मोदी जी,
सब कहते हैं भक्त तुम्हारा मोदी जी,
तीन साल में अलख जगा दो मोदी जी,
नौकरियों के वृक्ष लगा दो मोदी जी,
गेहूं गन्ना धान बचा लो मोदी जी,
मरता हुआ किसान बचा लो मोदी जी,
महंगाई को नीचे लाओ मोदी जी,
चीनी,तेल सुलभ करवाओ मोदी जी,
दो हाथों को काम दिला दो मोदी जी,
अवधपुरी को राम दिला दो मोदी जी,
मथुरा को गोपाल दिला दो मोदी जी,
हमको सस्ती दाल दिला दो मोदी जी
(मोदी जी के तूफानी विदेशी दौरों और दो साल में किये गए कार्यों पर आम भारतियों की अपेक्षाओं को दर्शाती मेरी नई कविता)
-------कवि गौरव चौहान