ब्रिटिश हुकूमत जब भारत कि ताकत तौल रही होगी
अल्फ्रेड पार्क में आज़ाद की पिस्टल बोल रही होगी
आज़ादी के महासमर में जिनसे बढ़ चढ़ भाग लिया
लगा के पिस्टल माथे पर फिर अपने हाथो दाग लिया
हिंदुस्तान के गर्दिश में हैं तारे देख न पाउँगा
माँ तेरे आँचल में ये अंगारे देख न पाउँगा
मुझे शपथ है उतर स्वर्ग से फिर धरती पर आउंगा
आज नहीं तो कल एक दिन फिर से पिस्तौल उठाउंगा
भारत के भविष्य को माँ अबकी आबाद कराएगा
माँ तेरा बेटा तुझको फिरसे आज़ाद कराएगा!!
-कवि विख्यात मिश्रा
अल्फ्रेड पार्क में आज़ाद की पिस्टल बोल रही होगी
आज़ादी के महासमर में जिनसे बढ़ चढ़ भाग लिया
लगा के पिस्टल माथे पर फिर अपने हाथो दाग लिया
हिंदुस्तान के गर्दिश में हैं तारे देख न पाउँगा
माँ तेरे आँचल में ये अंगारे देख न पाउँगा
मुझे शपथ है उतर स्वर्ग से फिर धरती पर आउंगा
आज नहीं तो कल एक दिन फिर से पिस्तौल उठाउंगा
भारत के भविष्य को माँ अबकी आबाद कराएगा
माँ तेरा बेटा तुझको फिरसे आज़ाद कराएगा!!
-कवि विख्यात मिश्रा